Unknown Unknown Author
Title: ऐसा चाहूं राज मैं मिले सबन कों अन्न
Author: Unknown
Rating 5 of 5 Des:
पिछले दिनों थांवला जिला-जालोर राज.से श्री भंवरलाल मेघवाल ने निम्नांकित पुस्तक अंश ऑरकूट पर भेजा। जिसे यहां पुनः पोस्ट किया जा रहा हैं। गु ...
पिछले दिनों थांवला जिला-जालोर राज.से श्री भंवरलाल मेघवाल ने निम्नांकित पुस्तक अंश ऑरकूट पर भेजा। जिसे यहां पुनः पोस्ट किया जा रहा हैं।

गुरु रैदास ने सतगुरु कबीर के साथ मिलकर दलितों को शिक्षा दी तथा लोगो में श्रमण धर्म का प्रचार प्रसार भी किया.लेकिन एक काम में वे सतगुरु कबीर से भी दो कदम आगे निकल गए.उन्होंने दलित समाज को चेताया कि केवल दलित समाज के लोग ही असल में भारत के शासक रहे है.सिन्धु सभ्यता अर्थात दलित सभ्यता से लेकर मौर्य काल तक भारत पर केवल और केवल दलितों का शासन रहा है.सम्राट वृह द्रथ कि हत्या के बाद उनका राज छीन लिया गया और उन्हें गुलाम बना दिया गया.गुरु रैदास यह ऐतिहासिक सच्चाई जानते थे ,अत: उन्होंने दलितों को उनके इतिहास से परिचित करवाया.
*उन्होंने कहा कि दलित भारत के असली शासक है.भारत पर सदैव दलित कही जाने वाली जातियों का राज रहा है.उन्होंने कहा :

हम बड कवि,कुलीन,हम पंडित,हम जोगी,सन्यासी !
ज्ञानी, गुनी, सूर, हम दाते,यह बुद्धि कभी न नासी !!
नरपत एक सिंहासन सोया,सपने भय भिखारी !
अछूत राज बिछड़े दुःख पाया,सोई दस भई हमारी !!

*वे बोले :

पराधीन का दीन क्या,पराधीन बेदीन !
रैदास दास पराधीन को सब ही समझें हीन !!

*दलितों कि मुक्ति का एक ही रास्ता है कि वे अपने गले से गुलामी
का फंदा उतारें तथा अपना छिना हुआ राज फिर से प्राप्त करें,उन्होंने कहा :

पराधीनता पाप है जान लेवो रे मीत !
रैदास दास पराधीन को कौन करे है परीत !!
ऐसा चाहूं राज मैं मिले सबन कों अन्न !
छोटे बड़े सम बसे,रैदास रहे प्रसन्न !!

(साभार-पुस्तक ऐसा चाहूं राज लेखक श्री कुलदीप कुमार,पृष्ठ 51)

About Author

Advertisement

Post a Comment

  1. Wonderful information. Thanks Pramod Pal Singh Ji.

    ReplyDelete
  2. जब तक हम दलितों के उत्थान के बारे में नहीं सोचेंगे , देश गरीब ही रहेगा। हर नागरिक इतनी तरक्की करे की किसी के लिए दलित शब्द का इस्तेमाल न हो सके।

    ReplyDelete
  3. І every time spent my half an Һour to read tҺis blog's articlеs oг
    reviews daily along with a mսg of coffee.

    My site; real eestate course ()

    ReplyDelete

 
Top