आंध्रप्रदेश – घासी, मादिगा, ऋषि, रिखिया, महार अरुणाचल प्रदेश – ऋषि, मुची, महार असम – मुचि, ऋषि, महार, बरुवा, पान बिहार – घासी, घसीया, तांती, तन्तुवा, दुसाध, मुची चंडीगढ़ – रामदासी, कबीरपंथी, जुलाहा, क…
मेघवंश: एक सिंहावलोकन
Author: Unknown
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मेघवंश: एक सिंहावलोकन लेखक: आर.पी. सिंह, आई.पी.एस. पुस्तक सार आर्यों एक घुमन्तु कबीला था. वे भी पशुपालन के लिए नए चरागाहों की खोज में घूमते रहते थे. उन्हें भारत के सिंधु घाटी क्षेत्र की विकसित सभ्यत…
राजस्थान मेघवाल समाज-एक परिचय
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हम मेघवाल हैं मेघवाल रहेंगे-आर.पी. सिंह मेघवंश समाज अनेक टुकड़ों में बंटा हुआ है। ये अनेक टुकड़े अपने को एक दूसरे से अलग समझने लगे तथा एक दूसरे से ऊंचा बनने की होड़ में अपनी संगठन शक्ति खो बैठे हैं। मेघव…
मेघवाल संत-1
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संत किसनदासजी रामस्नेही संप्रदाय के संत कविरामस्नेही संप्रदाय के प्रवर्त्तक सन्त साहब थे। उनका प्रादुर्भाव 18 वीं शताब्दी में हुआ। रेण- रामस्नेही संप्रदाय में शुरु से ही गुरु- शिष्य की परंपरा चलती अंा…
मेघवाल समाज के गौत्र
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क्र.स. गोत्र 1 आयच 2 आसोपिया 3 आडान्या4 अरटवाल 5 बङल / बिङला 6 बदरिया 7 बारङा 8 बागेच9 बाघेला10 बागराना11 बजाङ12 बलाच 13 बामणिया 14 बाणिया 15 बाण्यत 16 बारडा 17 बरी18 बारुपाल 19 बरवङ20 बावल्या 21 बावर…
मेघवाल कलाकार-2
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गेनाराम मेघवालदरी बुनाई की कला को बुलंदियों पर पहुंचाया नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 30वें भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राजस्थान के पवेलियन में लुम्स पर दरियां बनाने का सजीव प्रदर्श…
मेघवाल कलाकार-1
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छगनाराम मेघवालराजस्थान के बाड़मेर जिले का निवासी छगनाराम मेघवाल ने बहुत ही कम उम्र से मटका खेलने की कला सीखी। उसनें यह कला मूंछों के लिए प्रसिद्ध रहे स्व.करणा भील के बेटे और ख्यातिनाम अलगोजा वादक तगारा…
MEGHnet: मेघवंशियों के समाचार-पत्र
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श्री भारत भूषण भगत ने भी MEGHnetपर मेघवंश समाज की पत्र-पत्रिकाओं का जिक्र किया हैं। इसके लिए उनका धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनकी पोस्ट का लिंक यहां प्रस्तुत किया जा रहा हैं। सुधि पाठक इससे लाभान्वित हो…
मेघवाल समाज की पत्र-पत्रिकाएं
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मेघवाल बंधु अक्सर पूछते रहते हैं कि अपने समाज की भी कोई पत्रिका हैं क्या? इसकी वजह भी हैं कि समाज के कई बुर्जुगों व बंधुओं ने समय-समय पर पत्रिकाएं तो प्रकाशित की। लेकिन पर्याप्त विज्ञापन अथवा आर्थिक म…
हम कौन हैं, कहाँ से आए थे....
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भारत भूषण भगतश्री भारत भूषण भगत ने यह आलेख मेघयुग को टिप्पणी के रूप में भेजा था। इसे मूल रूप में ही प्रकाशित किया जा रहा हैं।हम कौन हैं, कहाँ से आए थे....यह प्रश्न प्रत्येक मानव समूह करता है और हर बात…