गेनाराम मेघवाल
दरी बुनाई की कला को बुलंदियों पर पहुंचाया
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 30वें भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राजस्थान के पवेलियन में लुम्स पर दरियां बनाने का सजीव प्रदर्शन कर जोधपुर जिले के सालावास ग्राम से आए के गेनाराम मेघवाल छा गए। इस दरी की कीमत 35 हजार रुपये है। इससे पूर्व वे इथोपिया की राजधानी आदिस अबावा में भी अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं।
इस दरी पर गेनाराम बुनकर ने लक्ष्मी जी का कलात्मक चित्र उकेरा था। यह कॉटन दरी् वॉल हेंगिंग के रूप में ही लगाई जाती है। लक्ष्मी जी का चित्र बने होने के कारण उसे जमीन पर नहीं बिछाया जाता। इस वजह से भी यह दरी सभी के आकर्षण का केंद्र बनी रही। इस दरी को बनाने में उन्हें 45 दिन लगे थे। इस दरी का कमाल यह है कि यह दोनों तरफ एक जैसी है। उल्टे सीधे का कोई अन्तर नहीं है।
इस दरी की साईज 6.3 गुणा 10 है। इसका वजन 5 किलो 300 ग्राम है। पंजे से ठुकी यह दरी इतनी मजबूत है कि वह इसके वर्षों तक चलने की गारंटी देते हैं।
बकौल गेनाराम धागा चाहे सूत का हो या ऊन का जब वह बुनकरों की कल्पना के ताने बाने में उलझता है तो गलीचे सा मोहक रूप ले लेता है। वे कहते है कि हमारे गांव में बुनकरों के दो सौ घर है। सभी बुनकर दरिया बुनाई के कार्य में अपनी अपनी डिजाइनों में दरियां बनाते है।
मेघवाल कलाकार-2
Title: मेघवाल कलाकार-2
Author: Unknown
Rating 5 of 5 Des:
Author: Unknown
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गेनाराम मेघवाल दरी बुनाई की कला को बुलंदियों पर पहुंचाया नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 30वें भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में ...
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